Sunderkand Path : इन श्लोकों का पाठ सुन्दरकाण्ड पाठ से पहले करें
सुन्दरकाण्ड के पाठ Sunderkand Path करने से पूर्व इन श्लोकों का पाठ करना बहुत जरूरी है. इन श्लोकों का पाठ करने से ही सुन्दरकाण्ड पाठ के शुभ फल प्राप्त होतें हैं. प्रणवउँ पवनकुमार खल बन पावक ग्यानघन | जासु ह्रदय आगार बसहिं राम सर चाप धर || सम्पूर्ण सुन्दरकाण्ड पाठ के लिए क्लिक करें. Sunderkand Path Sunderkand Ka Path सुन्दरकाण्ड पाठ सुन्दरकाण्ड पाठ( Sunderkand Path ) में कथा के वाचन में एकरूपता हेतु सुन्दरकाण्ड पाठ से पूर्व किष्किन्धाकाण्ड की निम्नलिखित चौपाई का पाठ अवस्य करना चाहिये. दो0-बलि बाँधत प्रभु बाढेउ सो तनु बरनि न जाई। उभय धरी महँ दीन्ही सात प्रदच्छिन धाइ।।29।। जब प्रभु राजा बलि को बाँधने लगे तो ऐसे बढे कि उनके उस शरीर का वर्णन नहीं किया जा सकता, उस समय दो ही घड़ी में मैंने उनकी सात प्रदक्षिणा दौड़कर की थी. Sunderkand Path अंगद कहइ जाउँ मैं पारा। जियँ संसय कछु फिरती बारा।। जामवंत कह तुम्ह सब लायक। पठइअ किमि सब ही कर नायक।। अंगद ने कहा - मैं जाने को तो जा सकता हूँ ; किन्तु लौटने में कुछ संशय है. जाम्बवन्त ने कहा - हाँ तुम अवस्य ही सब योग्य हो ; किन्तु अपने सेनापति को किस प्रकार...